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सीधा / संतोष अलेक्स
Kavita Kosh से
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पहाड़ी पर स्थित
पेड़ की टहनी पर खड़े होकर
उसने कहा-
सच्चई की सीख देनेवाले
रावुण्णी गुरुजी
कठिनाइयों से जूझने का साहस दिलानेवाली
बहन
मिलकर बाँटने को उत्साहित
भाई
दयालु माँ
इस दुनिया में मुझे
सीधे खड़ा रहना है
और
गले में फंदा डालकर
नीचे कूदा वह
फिर सीधा ही खड़ा रहा !