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सिर्फ उसके लिए / पद्मजा शर्मा
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स्त्री के जीवन में
छोटी-छोटी ख़ुशियाँ मायने रखती हैं बड़े
जैसे कि उसे दिख जाये
आँख खोलते ही सिरहाने रखा
ताज़ा गुलाबों का गुच्छा
उसके कानों में गूजंती रहे खिलखिलाहट बच्चे की
किसी दिन अचानक वह जागे इस सपने से
कि कोई गुनगुना रहा था प्रेम गीत
वह हो उदास और दिख जाये
किसी आँख में ज़रा-सा अपनापन
एक स्त्री बिता सकती है उम्र
देखते हुए चाँद को
अगर उसमें से झांकता हो कोई चेहरा
सिर्फ उसके लिए।