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है कुछ याद भी / हरीश बी० शर्मा
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याद...!
तू मक्कार है।
कहा था नहीं आएगी।
आ गई ना...
अब सोच
ओढूं ना बिछाऊं
खिलाऊं ना पिलाऊं...
कहां जाएगी?
बता... बोल...
है कुछ अता-पता
है कुछ याद भी?