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आ जा री आ निंदिया तू आ / शैलेन्द्र
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आ जा रे आ निंदिया तू आ
झिलमिल सितारों से उतर आँखों में आ सपने सजा
सोई कली सोया चमन पीपल तले सोई हवा
सब रंगा इक रंग में तूने ये क्या जादू किया
आ जा ...
संसार की रानी है तू राजा है मेरा लाडला
दुनिया है मेरी गोद में सोया हुआ सपना मेरा,
आ जा ...
(फ़िल्म ’दो बीघा ज़मीन’ के लिए)