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साब / पद्मजा शर्मा

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आप सबक सिखाओ मत, साब
हम देखेंगे, सीखेंगे अपने साथ
साथ चले हैं तो निभाएंगे साथ
बस आप रहें अपनी बातों, इरादों में साफ
ठीक है ना साब ?

अच्छे-बुरे में रहे आपके साथ
आप रूके तो हम रूके, आप बढ़े तो हम बढ़े
पर आप भी तो कभी दिखो और जताओ
कि हो हमारे साथ
क्यों साब ?

आपने सोचा वो किया
जो चाहा वो पाया
हमने आपका साथ निभाया
पर हमारे भी तो हैं कुछ उसूल, कुछ ख़्वाब
समझे साब ?

आज्ञा पालन हमारा धर्म है
मानते हैं आपका कथन हमारा कर्म है
पर असल में आप हो नहीं हमारे बाप
सब के बीच फटकारें नहीं आप
वरना अच्छा नहीं रहेगा साब ?
हम हक के लिए लड़े
भूखे थे आपस में भिड़ पड़े
आपने जेल में दिया डाल
अरे ! आपके दामन पर भी तो है कई दाग
गलत तो नहीं कहा साब ?

आप आए कंधे पर रखा हाथ, हँसे चले गए
अच्छा निभाया साथ
कभी हमारे सिर पर भी तो रखो हाथ
भीतर सुलग रही है आग
जल जाओगे, साब

आप भीड़ के निशाने पर हो
कभी न कभी धरे जाओगे
दो बार बच गए हो
लगता है आपके बीवी-बच्चों का है अच्छा भाग
यह सच नहीं है साब ?

समझदार हो, इशारा ही काफी है
बार-बार कहने का क्या लाभा
अपनी करनी अपने साथ
अब तो समझे साब
अब नहीं तो कब समझोगे साब ?