भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
पंछी और पानी / कुमार विकल
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:15, 18 सितम्बर 2007 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कुमार विकल |संग्रह=निरुपमा दत्त मैं बहुत उदास हूँ }} कौ...)
कौन देस से आए ये पंछी
कौन देस को जाएंगे
क्या-क्या सुख लाए ये पंछी
क्या-क्या दुख दे जाएंगे
पंछी की उड़ान औ' पानी
की धारा को कोई सहज समझ नहीं पाता
पंछी कैसे आते हैं
पानी कैसे बहता है
अगर कोई समझता है भी
मुझको नहीं बतलाता है ।