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वह नहीं है माटी / नंदकिशोर आचार्य

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पपड़ाई दिख रही है जो
वह नहीं है माटी
याद है जल की
भिगो कर माटी को
अतृप्त कर गया जो—
उस को छोड़ कर
ख़ुद आग से मिलने ।

26 फ़रवरी 2010