भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
सपना है आत्मा / नंदकिशोर आचार्य
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:32, 28 नवम्बर 2011 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नंदकिशोर आचार्य |संग्रह=केवल एक प...' के साथ नया पन्ना बनाया)
रचता है असत्
सत् को
ज्योति को तमस् जैसे
तुम को रच देती है
मेरी कामना वैसे
देह का सपना है आत्मा
अपने अँधेरों में जो
रचती रहती है उसे
—
12 अप्रैल, 2009