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ऊर्ध्वमूल है जो / नंदकिशोर आचार्य

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ज़रा-सी बारिश से
जो हो आता है
             हरा
पेड़ क्या दर्द है कोई
सिंच कर याद के जल से
                हरियाता हुआ

ऊर्ध्वमूल है जो
किस का दर्द है वह
किसकी याद से सिंचता
हरा होता हुआ
—अनुपल—
झरता हुआ।

31 मई 2009