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महका देता केवल / नंदकिशोर आचार्य

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खिलता है हर लम्हा
                  तुम-सा
मुर्झा कर झर जाता
                  मुझ-सा

कुछ नहीं बोलता है
                   पेड़—
महका देता केवल
झर गए फूल की
                ख़ुशबू
खिलते फूल में चुपचाप ।

3 जुलाई 2009