भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मिमजर / नंदकिशोर आचार्य

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:45, 1 दिसम्बर 2011 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


तुम्हारे आने की खबरें हैं
नीम पर मिमजर।

मिट्टी के भीगे कुल्हड़ में
फिर पिऊँगा शरबत
मीठा, सुवासित, ठण्डा
झीने अँधेरे में बैठ कर।
चुक जायेगा वह तो
आँखों पर रखे रहूँगा देर तक
रीता हुआ कुल्हड़
महसूस करते हुए
उस की निंदिदायी शीतलता
जाने के देर बाद तक
तुम्हारे साथ का एहसास !

(1987)