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रहूँगा फिर भी / नंदकिशोर आचार्य
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नहीं रहूँगा—
रहूँगा फिर भी
ठहरे पानी में जैसे
धड़कता रहता है बहना
उमस में रुँधी रहती है
हवा जैसे
सोयी रहती है राख
आग में
धूप में जैसे
रहती है छाया
रहूँगा आँखों में ही
सूखे आँसू-सा
ख़ामोश साज़ में राग-सा
मैं रहूँगा फिर भी।
—
27 मार्च 2010