भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
अकेला नहीं आता / नंदकिशोर आचार्य
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:49, 6 दिसम्बर 2011 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=नंदकिशोर आचार्य |संग्रह=केवल एक प...' के साथ नया पन्ना बनाया)
कभी अकेला नहीं आता
दुख
साथ उस के आती है
स्मृति या उम्मीद सुख की
अकेला नहीं आता है
कभी सुख भी
यादें छोड़ भी दें साथ
आशंका रहती ही है पर
दुख की
आशंका से बेहतर है
मैं उम्मीद में ही रहूँ ।
—
26 अगस्त 2009