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सूनेपन की संगत / नंदकिशोर आचार्य
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एक सूनापन
तारी रहता है उस में
खोले द्वार अपने
इन्तज़ार करता
तुम्हारे सूनेपन के लिए
साथ जिस का उस को
कर देता स्पन्दित
तुम्हारे सूनेपन की संगत यह
हो आती है संगीत
बाँसुरी के सूनेपन में
लय होती हुई
—
21 अक्तूबर 2009