Last modified on 6 दिसम्बर 2011, at 15:45

हमारी आँख / प्रेमशंकर शुक्ल

Magghu (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:45, 6 दिसम्बर 2011 का अवतरण

हमारी आँख

वह बिन्दु है

फूटती हैं जहाँ से

दस दिशाएँ


नाक की सीध में

जा रहे जो मेरे पाँव

वह मेरी आँख के

इंकार की दिशा है

ham tum