भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
अगनित जग से चले जा रहे / शिवदीन राम जोशी
Kavita Kosh से
Kailash Pareek (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:31, 8 दिसम्बर 2011 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKParichay |चित्र=Shivdeen-ram-joshi.jpg |नाम=शिवदीन राम जोशी |उपनाम= ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
शिवदीन राम जोशी
जन्म | 10 जून 1921 |
---|---|
निधन | 27 जुलाई 2006 |
जन्म स्थान | खंडेला, सीकर, राजस्थान |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
अनुभव लहर, कृष्ण सुदामा चरित्र, छंद तरंग | |
विविध | |
जीवन परिचय | |
शिवदीन राम जोशी / परिचय |
अगनित जग से चले जा रहे। कर विवेक देख तो मनडा, बुरे जा रहे भले जा रहे। कायम नहीं मुकाम जगत में, भजले रे मन राम जगत में, नाता संत सजन का सच्चा, विघ्न अनेकों टले जा रहे। राम नाम शुभ नाम निरंतर, सत्य नाम सियाराम हरि हर, बेटा पोता काम न आवे, अंत आंख दो मले जा रहे। धनबल जनबल व्यर्थ अकलबल, तनबल झूंठा जाय सकलबल, राम नाम बल पार लगावे, बाकी योधा हिले जा रहे। कहे शिवदीन समझ मन मेरा बनिहों संत चरन का चेरा, राम नाम हिरदय धरि देखो, खलजन फांसी घले जा रहे।