भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
नया नखशिख / रामनरेश त्रिपाठी
Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:03, 9 दिसम्बर 2011 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रामनरेश त्रिपाठी |संग्रह=मानसी / र...' के साथ नया पन्ना बनाया)
जिसके उरोज मिश्र देश के पिरामिड हों
ध्रुव की निशा-सी केश-राशि सिर पर हो।
ऊँट ऐसी गति हो, नितंब हों पहाड़ ऐसे
चीन की दीवार मेखला सी जिस पर हो॥
साहब के दिल में दिमाग में दिखाव में भी
हिंद की भलाई के ख्याल-सी कमर हो।
ऐसी नायिकाओं का निवास, भगवान करे
हिंदी के कबित्त-प्रेमियों के घर-घर हो॥