भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

हम लेंगे तेरा नाम / रामनरेश त्रिपाठी

Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:18, 9 दिसम्बर 2011 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रामनरेश त्रिपाठी |संग्रह=मानसी / र...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हे कृष्ण! अनेक बहाने,
हम लेंगे तेरा नाम॥
आँखों के पावन जाल से।
मुसुकाहट के कल कल से।
सुख से आहों से दुख से।
कर्मों से मन से मुख से।
स्मृति से नीरव भाषा से।
आशा से अभिलाषा से।
जाने में या अनजाने--
हम लेंगे तेरा नाम॥
हे! माधव जीवन मेरा।
है क्रीडा-कानन तेरा।
निज इच्छा कर लो पूरी।
रह जाय न एक अधूरी।
चाहे सुख हो या दुख हो।
पर तू न कदापि विमुख हो।
हम हैं तेरे दीवाने--
हम लेंगे तेरा नाम।