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हम लेंगे तेरा नाम / रामनरेश त्रिपाठी
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हे कृष्ण! अनेक बहाने,
हम लेंगे तेरा नाम॥
आँखों के पावन जाल से।
मुसुकाहट के कल कल से।
सुख से आहों से दुख से।
कर्मों से मन से मुख से।
स्मृति से नीरव भाषा से।
आशा से अभिलाषा से।
जाने में या अनजाने--
हम लेंगे तेरा नाम॥
हे! माधव जीवन मेरा।
है क्रीडा-कानन तेरा।
निज इच्छा कर लो पूरी।
रह जाय न एक अधूरी।
चाहे सुख हो या दुख हो।
पर तू न कदापि विमुख हो।
हम हैं तेरे दीवाने--
हम लेंगे तेरा नाम।