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तुला राशि 1976 / रमेश रंजक

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चारों ओर अमंगल होगा
आधे घर में जंगल होगा

अब की बरस बाँध-पानी में
अन्तरधर्मी टक्कर होगी
अपना ज़ोर आजमाएँगे
साँझ-सकारे, योगी-भोगी,

ऐसा ही कुछ दंगल होगा

इच्छाओं के सिरहाने से
उमड़-घुमड़ कर भावुक भाषा
जीवन की, श्रम की, जीवट की
रच देगी ऐसी परिभाषा

बल में छल का संबल होगा

चारों ओर अमंगल होगा