भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
अगर कहीं मैं तोता होता / रघुवीर सहाय
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:48, 17 दिसम्बर 2011 का अवतरण
अगर कहीं मैं तोता होता
तोता होता तो क्या होता ?
तोता होता।
होता तो फिर ?
होता, 'फिर' क्या ?
होता क्या ? मैं तोता होता ।
तोता तोता तोता तोता
तो तो तो तो ता ता ता ता
बोल पट्ठे सीता राम