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ख़ैरअंदेश / मख़्मूर सईदी
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मेरी ये दुआ है 
कि जो सुब्हदम, घर से निकले 
सरे-शाम, वो ख़ैरियत से 
उसी घर में पहुँचे  
मेरी ये ‘दुआ’ है
 
	
	

