सुबह हुई
दूधिया सितारों ने
फेर लिए मुखड़े !
अन्धी सत्ता हिली
पानी की पर्त की तरह
बेवज़ह
बिम्ब थरथरा गए
जगह-जगह
हवा चली
धूप के कहारों ने
फेंक दिए टुकड़े,
दूधिया सितारों ने
फेर लिए मुखड़े
सुबह हुई !
सुबह हुई
दूधिया सितारों ने
फेर लिए मुखड़े !
अन्धी सत्ता हिली
पानी की पर्त की तरह
बेवज़ह
बिम्ब थरथरा गए
जगह-जगह
हवा चली
धूप के कहारों ने
फेंक दिए टुकड़े,
दूधिया सितारों ने
फेर लिए मुखड़े
सुबह हुई !