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एक हथिया देवाल / महेश चंद्र पुनेठा

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एक हथिया देवाल<ref>उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर जो एक हाथ से कठोर चट्टान को काट-काट कर बनाया गया है ।</ref>

न बना सके वह
उस ऊॅचाई का अन्य कोई स्थापत्य
कटवा डाला
दायाँ हाथ उसका
लेकिन
नहीं छूटा
उसका छेनी-हथौड़ा
एक नये शिल्प में
बना डाला उसने
पहले से भी
अद्भुत और बेमिसाल यह देवाल
एक ही पत्थर से ।
काट -काट कर कठोर काँठे को
उकेर दी
मुँह -बोलती हुई मूर्तियाँ
मेन को थाम लेने वाले बेल-बूटे
और एक सुदंर गर्भगृह
उठती चिनगारियों
और अनंत टंकारों के साथ
जो रही होंगी जितनी बाहर
उससे अधिक भीतर ।
कटवा दिया हो भले
राजा ने
उसका हाथ
मगर नहीं काट सका
उसके दृढ़ इरादों
और पहाड़ से धैर्य को
नदी से आवेग को
कला के प्रति समर्पण को
मन में धधक रही
प्रतिरोध की आग को
गवाही देता है जिसकी
देवाल में गढ़ा एक-एक शिल्प
आज भी ।
  

शब्दार्थ
<references/>