भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
देवी गीत-देबी अंगन मोरे आयीं / अवधी
Kavita Kosh से
रचना पाण्डेय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:49, 16 जनवरी 2012 का अवतरण ('देबी अंगन मोरे आयीं निहुरी कै मै पईयाँ लागूँ काऊ देख...' के साथ नया पन्ना बनाया)
देबी अंगन मोरे आयीं निहुरी कै मै पईयाँ लागूँ काऊ देखि देबी मगन भईं हैं काऊ देखि मुस्कानी -2 निहुरी कै मै पईयाँ लागूँ सेनुर देख देबी मगन भईं हैं बिंदिया देख मुस्कानी
निहुरी कै मै पईयाँ लागूँ
चूडिया देख देबी मगन भईं हैं कंगना देखि मुस्कानी निहुरी कै मै पईयाँ लागूँ लहंगा देखि देबी मगन भईं हैं चुनरी देखि मुस्कानी
निहुरी कै मै पईयाँ लागूँ
पायल देखि देबी मगन भईं हैं बिछिया देखि मुस्कानी
निहुरी कै मै पईयाँ लागूँ
रानी देखि देबी मगन भईं हैं बालक देखि मुस्कानी
निहुरी कै मै पईयाँ लागूँ
देबी अंगन मोरे आयीं निहुरी कै मै पईयाँ लागूँ -०-