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आछी के वन / ठाकुरप्रसाद सिंह
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आछी के बन
आछी के बन अगवारे
आछी के बन पिछवारे
आछी के बन पूरब के
आछी के बन पच्छिमवारे
महका मह-मह से रन-बन
आछी के बन
भोर हुई सपने-सा टूटा
पथ मंह-मंह का पीछे छूटा
अब कचमच धूप
हवाएँ सन सन
आछी के बन