Last modified on 13 फ़रवरी 2012, at 22:52

सिर्फ़ शब्दों से नहीं / अशोक वाजपेयी

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:52, 13 फ़रवरी 2012 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अशोक वाजपेयी |संग्रह=उम्मीद का दूस...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

सिर्फ़ शब्दों से नहीं,
बिना छुए उसे छूकर,
बिना चूमे उसे चूमकर
बिना घेरे उसे बाँहों में घेरकर,
दूर से उसे पँखुरी-पँखुरी खोलते हुए
बिना देखे उसे दृश्य करते हुए
मैंने उससे कहा।