भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

जैसा तूने किया मेरे साथ / हेनरिख हायने

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:01, 15 फ़रवरी 2012 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हेनरिख हायने |संग्रह= }} {{KKCatKavita‎}} <poem> ज...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

जैसा तूने किया है, मेरी जान, मेरे साथ
दुनिया इसे कभी भी जान नहीं पाएगी
सिर्फ़ मछलियों को मैंने बताई है यह बात
भला, मछली यह रहस्य किसको सुनाएगी
 
प्रिया ! तेरे नाम पर लगे कोई धब्बा
पृथ्वी पर यह बात मैं सह नहीं पाऊँगा
लेकिन, जानम, तूने मुझे दिया है धक्का
यह जाकर रोज़-रोज़ मैं सागर को बताऊँगा
रूसी भाषा से अनुवाद : अनिल जनविजय