भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

जंगल में खेल / संजय अलंग

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:02, 21 फ़रवरी 2012 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=संजय अलंग }} {{KKCatBaalKavita}} <poem> जंगल में एक ख...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


जंगल में एक खेल रचाया
बन्दर एक फुटबाल ले आया
सबने मिलकर दो दल बनाए
 भालू, हाथी सभी को लाए
शेर ने तभी दहाड़ लगाई
सभी के चेहरों से उड़ी हवाई
फुटबाल की किसी को सुध न आई
सब ने जंगल की ओर दौड़ लगाई