Last modified on 28 फ़रवरी 2012, at 07:10

इस तरह कब तक हँसेगा गाएगा / ओमप्रकाश यती

द्विजेन्द्र द्विज (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:10, 28 फ़रवरी 2012 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


इस तरह कब तक हँसेगा-गाएगा
एक दिन बच्चा बड़ा हो जाएगा

आ गया वह फिर खिलौने बेचने
सारे बच्चों को रुलाकर जाएगा

हर समय ईमानदारी की ही बात
एक दिन यह आदमी पछताएगा

फ़ाइलें यदि मेज़ पर ठहरें नहीं
दफ़्तरों के हाथ क्या लग पाएगा

‘रेस’ जीतेंगी यहाँ बैसाखियाँ
पाँव वाला दौड़ता राह जाएगा