भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
धूप (हाइकु) / पूर्णिमा वर्मन
Kavita Kosh से
Dr. ashok shukla (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 08:29, 4 मार्च 2012 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पूर्णिमा वर्मन }} Category:हाइकु <poem> (1) ध...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(1)
धूप जांचती
ऋतुओं की शाला में
जाड़े की कापी।