सबसे बडा विधान
जिसकी लाठी भैंस उसी की
सबसे बड़ा विधान
कहने को तो गाँव सभा का
है ‘पुतरैहा’ ताल,
पर पंचों ने मिलकर डाला
उसमें मछली जाल,
‘होरी’ की बरिया के सूखे
बिन पानी सब धान।
राशन कार्ड बँटे घर घर पर
बटा न शक्कर,तेल,
बड़े बड़उवा खेल रहे हैं
खुला ब्लैक का खेल,
पक्के घर वालों ने पाया
राहत का अनुदान।
ककड़ीचोर बन्द थाने में
दफा लगीं दस बीस,
मूँछों वाले घूम रहे हैं
कतल किये पच्चीस,
ऊसर,बंजर, चरागाह पर
कब्जा किये प्रधान
जिसकी लाठी भैंस उसी की
सबसे बड़ा विधान