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नीड़ बुलाए / अवनीश सिंह चौहान
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अब तो वापस
आओ पंछी
तुझको नीड़ बुलाए
खेत-खेत में
सरसों फूली
डाल-डाल पर
कलियाँ झूलीं
बाग-बगीचे
मोर नाचते
मैना शोर मचाए
आँचल माँ का
तुझको हेरे
रुनझुन बिछुआ
तुझको टेरे
नन्हा मोती
आँगन-चौरे
अपना राग सुनाए
झील नज़र की
धीरज खोती
मौन लहर
यादों को ढोती
गुमसुम द्वारे
पेड़ पुराना
तेरी आस लगाए