सच में
कितना ख़ूबसूरत है
तुम्हारा नाम
कभी किसी उलझन में
मैं उसे लिखूँ न लिखूँ
पर फूलों में
रंगों में
खुशबू में
सिहरन में
हवाओं के झोंके
तो उसे लिख ही जाते हैं ।
सच में
कितना ख़ूबसूरत है
तुम्हारा नाम
कभी किसी उलझन में
मैं उसे लिखूँ न लिखूँ
पर फूलों में
रंगों में
खुशबू में
सिहरन में
हवाओं के झोंके
तो उसे लिख ही जाते हैं ।