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यात्रा (2) / राकेश कुमार पालीवाल
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यात्रा मे कभी कभी
ऐसे दोराहे भी आते हैं जहां से
नाक की सीध
कोई रास्ता नहीं जाता
यात्रा चाहे कितनी भी कठिन हो
कोई न कोई रास्ता
खुला अवश्य रहता है यात्रा में