भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

नव स्वर देने को / सरस्वती माथुर

Kavita Kosh से
Dr. ashok shukla (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 08:40, 27 मार्च 2012 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सरस्वती माथुर |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> आ...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

आओ, इस नववर्ष पर
खोलें वातायन परिचय के
और निस्तरंग जीवन में
हवा के बिखरे पन्नों को समेट कर
खोजें पाँव लक्षित पथ के
और नव-स्वर देने को
कुछ इधर चलें कुछ उधर चलें
फिर मिल जाएँ
एकजुट हो शक्ति के उद्गम पर