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धूमकेतु / बेई दाओ

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लौट आओ या हमेशा के लिए चली जाओ
इस तरह दरवाज़े पर मत खड़ी रहो
पत्थर की किसी मूरत की तरह
जो हमारे बीच हर विषय पर बात करती है
और देखती इस तरह जैसे किसी जवाब की उम्मीद ही न हो

असलियत यह कि अंधेरा नहीं, बल्कि सूर्योदय है
जिसकी कल्पना करना ज़्यादा मुश्किल है
यह ढिबरी आखि़र कब तक जलती रहेगी
शायद उभरेगा अभी कोई धूमकेतु
खंडहरों के मलबों का निशान अपनी पूंछ से बनाता
और असफलताओं की एक सूची
जिन्हें वह चमकने देगा, जलने देगा और राख में बदलने देगा

लौट आओ, और हम अपना घर फिर बना लेंगे
या हमेशा के लिए चली जाओ, जैसे कि धूमकेतु
दहकता हुआ और उतना ही ठंडा जैसे धुंध
अंधेरे को निरस्त करता, और फिर अंधेरे में ही डूब जाता हुआ
दो शामों के बीच रहने वाले सफ़ेद गलियारे से गुज़रता हुआ
उस घाटी में जहां चारों ओर से गूंजती है प्रतिध्वनियां
तुम अकेली गाती हो

अंग्रेजी भाषा से रूपांतरण : गीत चतुर्वेदी