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एक बार बतख़ की तरह चलता हुआ मैं चौराहे से गुज़रा
सिर मुंड़ाने से वह अनावृत्त था
बेहतर हो इसे मैं सूरज की इच्छा करना कहूं
लेकिन पागलपन के उस मौसम में
परली तरफ़ ठंडे चेहरे वाली बकरियों को देखकर मैंने
अपना रास्ता बदल लिया
जब मैंने अपने आदर्शों को देखा
ख़ाली काग़ज़ पर नमक से भरी हुई ऊबड़-खाबड़ भूमि की तरह
मैंने अपनी रीढ़ झुका दी
यह मानते हुए कि मैंने सत्य की अभिव्यक्ति का
एकमात्र रास्ता खोज लिया है
जैसे भुनी हुई एक मछली समुद्र का स्वप्न देखती है
जि़न्दाबाद...! मैं सिर्फ़ एक बार चीख़ा था, लानत है
उसके बाद मैंने दाढ़ी उगा ली
जो अनगिनत शताब्दियों की लटों में उलझी हुई थी
मैं इतिहास के साथ युद्ध करने को विवश हुआ
और चाक़ू की नोंक पर मैंने
अपनी आदर्श प्रतिमाओं के साथ एक पारिवारिक गठजोड़ स्थापित किया
बेशक ऐसा मैंने मक्खी की आंख में खंड-खंड बसी दुनिया से
तालमेल बिठाने के लिए नहीं किया था
आपस में एक अनंत कहा-सुनी में मुब्तिला किताबों के ढेर के बीच
हमने बहुत शांति से अपना-अपना हिस्सा बांट लिया
एक-एक सितारे को बेचकर जो कुछ सिक्के हमने कमाए थे
उन्हें एक ही रात में मैंने जुए में गंवा दिया
बिना बेल्ट के नग्न लौटा मैं इस दुनिया में
एक ख़ामोश सिगरेट सुलगाते हुए
जो कि एक बंदूक़ थी जो आधी रात को मृत्यु दे रही थी
जब स्वर्ग और धरती ने अपनी जगहें बदल लीं
मैं एक बूढ़े पेड़ पर उल्टा लटक गया
जो एक झाड़ू जैसा लग रहा था
बहुत दूर घूर रहा था
अंग्रेजी भाषा से रूपांतरण : गीत चतुर्वेदी