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पानी की तरह कम तुम / प्रभात

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मैं तुम्हें मेरे लिए पानी की तरह कम होते देख रहा हूँ

मेरे गेहूँ की जड़ों के लिए तुम्हारा कम पड़ जाना
मेरी चिड़ियों के नहाने के लिए तुम्हारा कम पड़ जाना
मेरे पानी माँगते राहगीर के लिए तुम्हारा ग़ायब हो जाना
मेरे बैल का तुम्हारे पोखर पर आकर सूनी आँखों से इधर-उधर झाँकना
मेरी आटा गूंधती स्त्री के घड़े में तुम्हारा नीचे सरक जाना

तुम्हारे व्यवहार में मैं यह सब होते देख रहा हूँ

लगातार कम होते पानी की तरह
मैं तुम्हें मेरे लिए कम होते देख रहा हूँ

पानी रहित हो रहे इलाकों की तरह
मैं पूछ भी नहीं पा रहा हूँ
क्यों हो रहा है ऐसा ?
पानी तुम क्यों कर रहे हो ऐसा ?

पानी चला गया तो नदी किसके पास गई कुछ कहने
वैसी नदी की तरह लीन हूँ मैं अपने में

नदी के बहाव की सूखी रेत में सुदूर तक फैले आक की तरह
अभी भी तुम्हारी याद का हरा बचा हुआ मुझ में