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कुछ गैर-फ़ौजी बयान / दुन्या मिखाईल

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1
हाँ, अपने ख़त में लिखा था मैनें
कि हमेशा इंतज़ार करती रहूंगी तुम्हारा.
लेकिन ठीक-ठीक "हमेशा," मतलब नहीं था मेरा
बस तुक मिलाने के लिए जोड़ दिया था मैनें इसे.
2
नहीं, वह उन लोगों के बीच नहीं था.
कितने सारे लोग थे वहां !
अपनी पूरी ज़िंदगी, किसी भी टेलीविजन के परदे पर
मेरे द्वारा देखे गए लोगों से भी ज्यादा.
और फिर भी वह, उन लोगों के बीच नहीं था.
3
कोई नक्काशी नहीं है इसमें
या हत्थे.
यह वहीं पड़ी रहती है हमेशा
टेलीविजन के सामने
यह खाली कुर्सी.

अनुवाद : मनोज पटेल