Last modified on 16 अप्रैल 2012, at 08:59

क्या लिखूं हिन्दी भावानुवाद / नवीन जोशी 'नवेंदु'

Dr. ashok shukla (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 08:59, 16 अप्रैल 2012 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= नवीन जोशी ’नवेंदु’ }} {{KKCatKavita‎}} <poem> क्...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

 क्या लिखूं (हिन्दी भावानुवाद)


क्या दे सकता हूं मैं
किसी को भी ?
वही,
जो-
मुझे मिला है
दुनिया से।

क्या सुना सकता हूं मैं
किसी को भी ?
वही, जो-
पढ़-सुन, समझ
रखा है यहीं से।

क्या लिख सकता हूं मैं
तुम्हारे लिऐ ?
वही,
जो-
तुमने, या किसी और ने
कहीं-कभी
कहा होगा
अथवा लिखा होगा
जरूर ही।

अन्यथा-
कहां से लाउंगा मैं
कुछ, तुझे देने को,
क्या सुनाउंगा तुम्हें नयां ?
क्या लिखुंगा तुम्हारे लिऐ
अलग ही
इस दुनिया से।
मैं परमेश्वर तो नहीं हूं नां।