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नगाड़े की तरह बजते शब्द / निर्मला पुतुल
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नगाड़े की तरह बजते शब्द
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रचनाकार | निर्मला पुतुल |
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प्रकाशक | भारतीय ज्ञानपीठ, नई दिल्ली-110 003 |
वर्ष | 2004 |
भाषा | हिन्दी |
विषय | कविताएँ |
विधा | |
पृष्ठ | 96 |
ISBN | 81-263-1015-4 |
विविध |
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- अपनी ज़मीन तलाशती बेचैन स्त्री / निर्मला पुतुल
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- ढेपचा के बाबू / निर्मला पुतुल
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- एक बार फिर / निर्मला पुतुल
- घड़ा-उतार तमाशा के विरुद्ध / निर्मला पुतुल
- पिलचू बूढ़ी से / निर्मला पुतुल
- मेरे बिना मेरा घर / निर्मला पुतुल
- मेरा सब कुछ अप्रिय है उनकी नज़र में / निर्मला पुतुल
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- अभी खूँटी में टाँगकर रख दो माँदल / निर्मला पुतुल
- सुगिया / निर्मला पुतुल
- माँझी-थान / निर्मला पुतुल
- धीरे-धीरे / निर्मला पुतुल
- कहाँ गुम हो गए ? / निर्मला पुतुल
- मेरे एकान्त का प्रवेश-द्वार / निर्मला पुतुल
- उतनी ही जनमेगी निर्मला पुतुल ! / निर्मला पुतुल
- मैं चाहती हूँ / निर्मला पुतुल
- जो कुछ देखा-सुना, समझा, लिख दिया / निर्मला पुतुल