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तुमसे प्रेम करते हुए-दो / कमलेश्वर साहू
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तुम्हारी सुन्दरता के समान
सुन्दर दुनिया का जो स्वप्न
मेरी आंखों में बदलता है करवट
तुम्हारी आंखों में भी देखना चाहता हूं
तुमसे प्रेम करते हुए
तुमसे प्रेम करते हुए
तुम्हारी सुन्दरता के समान
सुन्दर दुनिया चाहता हंू मैं
चाहता हूं मैं
भोली, नेक, अच्छी, छल रहित,
सादा और समझदार दुनिया
जीवन और खुशियों से भरी हुई
और ऐसी दुनिया को पाने के लिये
गरज कि बनाने के लिये
जहां प्रेम करने की आजादी हो
करना चाहता हूं संघर्ष
मेरे लिये
प्रेम का अर्थ तुमसे तो है
लेकिन ‘तुम’ का मतलब
एक ऐसे साथी से है
जो इस संघर्ष में
हो मेरे साथ
बराबर का भागीदार
जिसके कदम
डगमगाये मत कभी
विचारों और संघर्षाें की
जमीन पर चलते हुए !