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सजा / कमलेश्वर साहू
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मैंने प्रेम किया
और मुझे वंचित कर दिया गया
पृथ्वी के सुख से
भेज दिया गया स्वर्ग
मेरे लिये
यह सबसे बड़ी सजा थी !