भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

साइकिल को बैलगाड़ी की तरह हांकती लड़की / अभिज्ञात

Kavita Kosh से
Abhigyat (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:20, 25 मई 2012 का अवतरण (''''व'''ह एक लेडीज़ साइकिल थी जिसे चलाता हूं मैं मगर उस पू...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

ह एक लेडीज़ साइकिल थी जिसे चलाता हूं मैं मगर उस पूरी तरह से नियंत्रण है मेरी बेटी का जो बैठी होती है मेरे पीछे कैरियर पर लेकिन वह साइकिल को इस तरह हांकती है जैसे वह साइकिल नहीं कोई बैलगाड़ी हो और मैं बैल

पापा थोड़ा दाएं अरे इतना नहीं नाली में घुसा देंगे क्या ज़रा धीरे क्या आगे वाले को टक्कर मारे देंगे उफ इतना भी धीरे नहीं क्या साइकिल चलाते-चलाते सोने लगे हवा कम है लगता है पिछले टायर में चेक क्यों नहीं कर लेते घर से निकलने से पहले ब्रेंक तो कभी ठीक रहता नहीं यहां रोकने के बदले वहां रोकते हैं

आपसे तो कुछ भी नहीं होता पाप क्या हो गये एकदम बूढ़े आफिस देर से पहुंचूंगी कैसा लगेगा यदि को टोक दे तो अपनी वज़ह से मुझे कभी नहीं हुई देर इत्ते लम्बे-लम्बे बाल मैंने कितनी जल्दी संवारे मां के घर नहीं रहने पर मैंने कितनी जल्दी किया नाश्ता कोई ना-नुकुर नहीं की बाई के हाथ की बनी सब्जी खाने में टिफिन बाक्स भी आपने नहीं बाई ने तैयार किया था आप करते ही क्या है मेरे लिए और मैं तो कहती हूं पूरी ज़िन्दगी आपने कुछ नहीं किया मेरे लिए बस नर्सरी में गये होंगे एडमिशन कराने सभी बच्चों के मां-बाप आते हैं स्कूल छोड़ने ज्यादातर बच्चों की मां तो दोपहर में भी रहती है स्कूल के आस-पास किसी पार्क में ताकि खाना खिला सकें स्कूल में लंच के वक़्त और जाते समय उन्हें लेते जायें स्कूल छूटने पर अपने साथ कई गार्जियन तो घर में टीवी तक नहीं देखते कि कहीं बच्चा भी न देखने लगे और हो जाये उसकी पढ़ाई का नुकसान ज़्यादातर गार्जियंस को तो याद रहता है अपने बच्चों का पाठ्यक्रम क्योंकि वे ख़ुद पढ़कर उन्हें पढ़ाते हैं वे बच्चों के टाइम टेबुल के हिसाब से फिक्स कर लेते हैं अपनी दिनचर्चा और एक आप हैं आप देखने नहीं देते मेरी पसंद का सीरियल और अपनी पसंद का मुशायरा देखते रहते हैं ईटीवी पर या फिर बूढ़ों के इश्क के सीरियल

आपने स्कूल व कॉलेज की फीस देने के अलावा किया ही क्या है मेरे लिए

जल्दी ही शादी कर चली जाऊंगी अपनी ससुराल और आपको कभी याद नहीं करूंगी आपने याद रखने लायक किया ही क्या है और वह तो रिक्शेवालों के कपड़े और देह मारती रहती है बदबू वरना मैं कभी नहीं आती आपके साथ साइकिल से ट्रेन पकड़ने मेरे आफिस के लोग सुनेंगे तो हंसेंगे एक आफिसर स्टेशन आती है बाप के साथ साइकिल पर

और हां, इस साइकिल पर मत इतराइये इसे मुझे दिया था मेरी दादी ने मेरे 12 वें जन्म दिन पर वह तो मैंने नहीं चलाया तो आपको मिल गयी आपसे इतना तो हुआ नहीं कि दूसरी ले लें 10-12 से खींच रहे हैं इसी को

रोज कोई न कोई पुर्जा दे जाता है जवाब जितना रिपेयरिंग में खर्च करते हैं उतने में आ जायेगी नयी कई बार कहा है स्कूटर ले लो पर एक्सीडेंट से कितना डरते हैं आप मां ठीक कहती है आप हैं एकदम घोंचू

देखिये गिराइये मत आपका कोई ठिकाना नहीं पता नहीं क्या सोचते हुए साइकिल चलाते हैं अनिल अम्बानी को देखिये क्या हैं उसके बेटे के ठाट विजय माल्या ने तो अपन बेटे सिद्धार्थ को बर्थडे गिफ्ट दिया था प्लेन काश मैं भी किसी मालदार की बेटी होती तो न साइकिल पर जाना पड़ता ट्रेन में खाने पड़ते धक्के


मैं तो अपने बच्चों को वह कष्ट नहीं दूंगी जो दिये हैं आपने मुझे एक-एक चीज़ के लिए तरसा दिया कई बार तो तोड़ कर ले लिया गुल्लख तोड़ कर मेरे पैसे छीः पापा छीः आप पर मुझे आती है शर्म आपकी सैलरी है मेरी पहली सैलरी से भी कम पढ़कर क्या किया पापा आपने शेम आन यू वो तो मैं पढ़ गयी अपने बलबूते वरना आपने कब पढ़ाया ट्यूशन फिर भी इतराते हैं इतनी ऊंची पढ़ाई कराई मैं भी यदि अन्य बच्चों की तरह पढ़ती कई-कई ट्यूशन तब देखती क्या करते आप आपको तो शुक्रगुज़ार होना चाहिए मैंने बचाये हैं आपके कितने ही रुपये और प्लीज़ मेरी शादी की बात मत करने लगियेगा सुबह-सुबह मैं आपकी पसंद के लड़के से नहीं करूंगी शादी मैं आपकी पसंद जानती हूं कैसा भी लड़का आपको पसंद आ जायेगा और नहीं तो अपने जैसा कोई बोर टाइप का लड़का खोज लेंगे या फिर कोई फौजी किसी बैंक आफिसर नहीं मैं अपनी पसंद के लड़के से शादी करूंगी जो दिखता हो रणबीर कपूर जैसा आपको चिन्ता करने की ज़रूरत नहीं मैं खोज लूंगी

लो यह क्या, रास्ते भर आप बड़-बड़ करते रहे और आज भी छुड़ा दी लेडीज़ स्पेशल अब धक्के खाते हुए जाना पड़ेगा दूसरी ट्रेन से मम्मी से करूंगी आपकी शिकायत कभी टाइम पर तैयार नहीं होते रोज़ करा देते हैं देर।