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अमृता जी को भेंट एक नज़्म / हरकीरत हकीर
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Dr. ashok shukla (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 08:41, 10 जुलाई 2012 का अवतरण
उसने कहा है अगले जन्म में
तू फिर आएगी मोहब्बत का फूल लिए
ज़रूर आना अमृता
इमरोज़ जैसा दीवाना , कोई हुआ है भला ।
अक्सर सोचती हूँ ,
खुद को बहलाती हूँ
कि शायद छूटे हुए कुछ पल
दोबारा जन्म ले लें ।