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अकेलापन / नवनीत नीरव

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अकेलापन
अकेलापन सुकून देता है
कुछ लोग बेबाकी से या शायद
प्रभाव बनाने के लिए
सीधे-सीधे कह कर निकल जाते हैं
जब- जब मैंने सोचा अकेले में
अपने लॉन की बेंच पर बैठकर
तब-तब मेरी नाव जिंदगी की
यादों के भंवर में फँस जाती है
शायद अकेलापन मन को रोकता है
अतीत के चित्र दिखने के लिए
पर जिंदगी उसी की ढलानों पर
सरपट दूर निकल जाती है.