जाने सूरज जलता क्यों है
इतनी आग उगलता क्यों है
रात हुई तो छुप जाता है
अंधियारे से डरता क्यों है
सुबह का निकला घर न आया
आवारा सा फ़िरता क्यों है
सुबह शाम और दोपहरी में
अपनें रंग बदलता क्यों है
अगर सुबह को फ़िर उगना है
तो फ़िर शाम को ढलता क्यों है