भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

जीवन / हरी घास पर क्षण भर / अज्ञेय

Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:01, 6 अगस्त 2012 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अज्ञेय |संग्रह=हरी घास पर क्षण भर /...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

यहीं पर
सब हँसी
सब गान होगा शेष :

यहाँ से
एक जिज्ञासा
अनुत्तर जगेगी अनिमेष!

इलाहाबद, मई, 1949