भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
काल की गदा / अज्ञेय
Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:26, 9 अगस्त 2012 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अज्ञेय |संग्रह=सागर-मुद्रा / अज्ञ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
काल की गदा एक दिन
मुझ पर गिरेगी।
गदा मुझे नहीं नाएगी :
पर उस के गिरने की नीरव छोटी-सी ध्वनि
क्या काल को सुहाएगी?
नयी दिल्ली, नवम्बर, 1968