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मोड़ पर का गीत / अज्ञेय

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यह गीत है जो मरेगा नहीं।
इस में कहीं कोई दावा नहीं,
न मेरे बारे में, न तुम्हारे बारे में;
दावा है तो एक सम्बन्ध के बारे में
जो दोनों के बीच है, पर जिस के बीच होने
या होने का भी कोई दिखावा नहीं।

यह क्षण : न जाने कब चला जाएगा
या क्या जाने : न भी जाए।
पर हम : यह हम मान लें
कि यह जाना हुआ है कि चले जाएँगे :
क्या जाने, जाने से पहले
यह भी जान लें
कि कब जाएँगे।

जाना और जीना
जीना और जाना :
न यह गहरी बात है कि इन में होड़ है
न यही कि इन में तोड़ है :
गहरी बात यह कि दोनों के बीच
एक क्षण है कहीं, एक मोड़ है
जिस पर एक स्वयंसिद्ध जोड़ है, और वहीं,
उस पर ही गाना है
यह गीत जो मरेगा नहीं।

नयी दिल्ली, 22 मई, 1968